कांग्रेस हाईकमान ने दिग्विजय सिंह को मोदी सरकार द्वारा अध्यादेशों से कानून बनाने की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय समिति में शामिल किया गया है। सिंह के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पी. चिदंबरम, डॉ. अमर सिंह और गौरव गोगोई इस टीम में शामिल हैं।
लंबे वक्त से दिग्विजय के पास राष्ट्रीय संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्हें पार्टी ने एक बड़ी जिम्मेदारी है। दिग्विजय 2018 के पहले कांग्रेस कमेटी के सबसे ताकतवर महासचिवों में गिने जाते थे। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि प्रदेश में सिंधिया के बढ़ते कद के सामने दिग्विजय को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सिंधिया और गांधी परिवार की नजदीकियों के कारण भी दिग्विजय को केंद्र में मौका नहीं मिल रहा था।
सिंधिया की बगावत के बाद गई सरकार
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद भाजपा सत्ता में वापस आ गई।